उन्होंने कहा कि कांगड़ा के धगवार में संयंत्र की प्रारंभिक क्षमता 1.50 लाख लीटर प्रति दिन (एलएलपीडी) होगी जिसे आगे तीन एलएलपीडी तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने एक बयान में कहा, "इस पूरी तरह से स्वचालित संयंत्र का लक्ष्य दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, सुगंधित दूध, खोया और मोत्ज़ारेला पनीर जैसे विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों का उत्पादन करना है।"

बयान के अनुसार, इस परियोजना से कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा और ऊना जिलों में किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ने की उम्मीद है।

सीएम ने कहा कि इस परियोजना से डेयरी कृषक समुदाय को लाभ होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे परियोजना सामने आएगी, यह डेयरी कृषक समुदाय में समृद्धि लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि किसानों को उनकी कड़ी मेहनत का अच्छा मूल्य मिले।"

सीएम सुक्खू ने कहा कि यह पहल किसान कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने कहा, "एक बार जब दूध प्रसंस्करण संयंत्र का संचालन शुरू हो जाएगा, तो सरकार इस संयंत्र में दूध पाउडर, आइसक्रीम और विभिन्न प्रकार के पनीर का उत्पादन शुरू करने की भी योजना बना रही है।"