नई दिल्ली, भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने कोचिंग प्रथाओं में एकरूपता लाने और संभावित बैडमिंटन सितारों की एक मजबूत पाइपलाइन बनाने के लिए एक कोच विकास कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया है।

आरईसी लिमिटेड और भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के सहयोग से आयोजित 11 दिवसीय कार्यक्रम 25 जून को शुरू हुआ और शुक्रवार को, संयोग से विश्व बैडमिंटन दिवस पर ही संपन्न हुआ।

यह राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीई), असम के गुवाहाटी और छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक साथ आयोजित किया गया था और इसमें देश के 22 राज्यों के कुल 53 प्रतिभागियों को जमीनी स्तर की कोचिंग पद्धतियों में प्रशिक्षित किया गया था।

बीएआई के महासचिव संजय मिश्रा ने एक विज्ञप्ति में कहा, "जमीनी स्तर के प्रशिक्षक प्रारंभिक चरण में प्रतिभा की पहचान करने और उसका पोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह कार्यक्रम उन्हें संभावित सितारों की पहचान करने और उनके विकास की नींव रखने के लिए उपकरणों से लैस करता है।"

"हमने मार्च महीने की शुरुआत में चार शहरों- बेंगलुरु, हैदराबाद, रायपुर और गुवाहाटी में एक साथ इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें कुछ पूर्व खिलाड़ियों सहित लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।"

समापन समारोह के दौरान आरईसी फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक तरुणा गुप्ता मुख्य अतिथि थीं।