नई दिल्ली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नवंबर 2024 में होने वाले यूरोपीय हाइड्रोजन सप्ताह में भारत विशेष भागीदार होगा।

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICGH-2024) के दूसरे दिन यूरोपीय हाइड्रोजन सप्ताह के साथ भारत की विशेष साझेदारी की घोषणा की गई।

इस दिन ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय संघ के हरित नियमों को संबोधित करने के भारत के इरादे पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, अमोनिया आयात टर्मिनलों के लिए नीदरलैंड के चाने टर्मिनल और भारत के एसीएमई क्लीनटेक के बीच एक आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस आयोजन में ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र के दायरे और चुनौतियों के बारे में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड के दृष्टिकोण को सामने लाने वाले सत्र भी देखे गए। ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल की अध्यक्षता में हाइड्रोजन यूरोप के सीईओ जोर्गो चट्ज़िमार्ककिस के साथ यूरोपीय संघ के सत्र में वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में हरित हाइड्रोजन की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया।

चर्चा में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यूरोपीय संघ (ईयू) कार्बन की कीमत को प्रभावी ढंग से बढ़ाने में मदद करने के लिए अपने उत्सर्जन व्यापार प्रणाली (ईटीएस) में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि जीवाश्म ईंधन के प्रतिस्पर्धी के रूप में हाइड्रोजन के विस्तार को प्रोत्साहित किया जा सके।

उद्योग के खिलाड़ियों और सार्वजनिक कंपनियों के 100 से अधिक स्टॉल हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और नवाचार का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों, स्टार्ट-अप, नीति निर्माताओं और राजनयिकों से जुड़े 2000 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे।

प्रदर्शनी के इतर, उस दिन एक राष्ट्रीय पोस्टर प्रतियोगिता भी हुई जहां प्रतिभागियों ने एक स्थायी भविष्य के निर्माण में अपने विचारों और नवाचार का प्रदर्शन किया।

इस दिन सिंगापुर और दक्षिण कोरिया पर दो देश गोलमेज सम्मेलन, भारत-अमेरिका हाइड्रोजन टास्कफोर्स के लिए एक उद्योग गोलमेज सम्मेलन और हाइड्रोजन पर एक सफल गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया गया, इन सभी ने गहरे अंतरराष्ट्रीय सहयोग और रणनीतिक संवादों को बढ़ावा दिया।