नई दिल्ली, नेस्ले इंडिया के शेयरों में गुरुवार को 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, क्योंकि वैश्विक एफएमसीजी प्रमुख ने कम विकसित देशों में अधिक शर्करा सामग्री वाले शिशु दूध उत्पाद बेचे।

बीएसई पर स्टॉक 3.31 फीसदी गिरकर 2,462.75 रुपये पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 5.40 प्रतिशत कम होकर 2,409.55 रुपये पर आ गया।

यह बीएसई सेंसेक्स की कंपनियों में सबसे बड़ी गिरावट थी।

एनएसई पर कंपनी के शेयर 2.94 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,471 रुपये पर बंद हुए।

कंपनी का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 8,137.49 करोड़ रुपये घटकर 2,37,447.80 करोड़ रुपये रह गया।

वैश्विक एफएमसीजी कंपनी द्वारा कम विकसित देशों में अधिक चीनी सामग्री वाले उत्पाद बेचे जाने की खबरों के बीच नेस्ले इंडिया ने गुरुवार को कहा कि उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में बेबी फूड उत्पाद में अतिरिक्त चीनी की मात्रा 30 प्रतिशत से अधिक कम कर दी है, जो कि वेरिएंट पर निर्भर करता है।

स्विस एनजीओ, पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फू एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) के निष्कर्षों के अनुसार, नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों और अफ्रीकी और लाती अमेरिकी देशों में उच्च चीनी सामग्री वाले बेबी उत्पाद बेचे।

जब टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया, तो कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "नेस्ले इंडिया के लिए अतिरिक्त चीनी में कमी करना प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में, हमने पहले ही प्रकार के आधार पर अतिरिक्त चीनी में 30 प्रतिशत तक की कमी कर दी है।"

प्रवक्ता ने आगे कहा, "हम नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते हैं और पोषण, गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना, अतिरिक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए अपने उत्पादों में नवाचार और सुधार जारी रखते हैं।"

नेस्ले इंडिया ने दावा किया कि उसके "शिशु अनाज उत्पादों का निर्माण प्रारंभिक बचपन के लिए प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, लौह आदि जैसी पोषण संबंधी आवश्यकताओं की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है"।

प्रवक्ता ने कहा, "हम अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते हैं और न ही करेंगे। हम अपने उत्पादों की पोषण संबंधी प्रोफ़ाइल को बढ़ाने के लिए अपने व्यापक वैश्विक अनुसंधान और विकास नेटवर्क का लगातार लाभ उठाते हैं।"