नई दिल्ली [भारत], तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा चल रही 'रायथु भरोसा' योजना के तहत रब किस्तों के वितरण का श्रेय लेने और बयान देकर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के प्रयासों का संज्ञान लेने के बाद। मीडिया के अनुसार, भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को 13 मार्च तक असंवितरित किस्तों को स्थगित करने का आदेश दिया है। यह निर्णय संवितरण प्रक्रिया में बेवजह और असामान्य देरी के जवाब में आया है, जो आम तौर पर नवंबर-दिसंबर के महीने में होती है, साथ ही चिंताओं के कारण भी। जनरा चुनाव 2024 के दौरान चल रही योजना का राजनीतिकरण करने के प्रयासों पर चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि 'रायथ भरोसा' योजना के तहत रबी किस्तों के वितरण को उनकी सार्वजनिक घोषणाओं से जोड़कर तेलंगाना के मुख्यमंत्री द्वारा घोर एमसीसी उल्लंघन किया गया है। इस तरह की कार्रवाइयों को मतदाताओं को प्रभावित करने और समान अवसर को बिगाड़ने का प्रयास माना जाता है। गौरतलब है कि रायथु बंधु योजना के लिए 2023 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए थे। उस उदाहरण में, पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के मंत्री ने चुनाव अवधि के दौरान योजना के वितरण का श्रेय लेने का प्रयास करके एमसीसी का उल्लंघन किया था। इन चिंताओं के मद्देनजर, ईसीआई ने स्थगन का निर्देश दिया है और तेलंगाना सरकार को एक निर्देश जारी किया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करना और चुनावी लाभ के लिए सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग को रोकना है। चुनावी उद्देश्यों के लिए ऐसी सरकारी योजनाओं का राजनीतिकरण या शोषण करने के किसी भी प्रयास से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए दृढ़ता से निपटा जाएगा।