नई दिल्ली, आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने ड्रग्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में डीएमके के बर्खास्त पदाधिकारी जाफर सादिक को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया है।

सूत्रों ने कहा कि संघीय एजेंसी जल्द ही 36 वर्षीय व्यक्ति को चेन्नई ले जाएगी और उसे विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के समक्ष पेश करेगी और हिरासत में पूछताछ के लिए उसकी रिमांड की मांग करेगी।

सादिक को ईडी ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था जहां वह एनसीबी मामले में न्यायिक हिरासत में बंद है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की एक अदालत से प्रोडक्शन वारंट मांगा जा रहा है, जिसके बाद उसे चेन्नई ले जाने की उम्मीद है, जहां ईडी का मामला दर्ज है।

ईडी ने पहले उनसे जेल में पूछताछ करने के लिए अदालत से अनुमति ली थी और इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।

उन्हें पहली बार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने मार्च में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन की तस्करी में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सादिक और उसके सहयोगियों के खिलाफ "मादक पदार्थों के सीमा पार अवैध व्यापार" में शामिल होने के आरोप में दायर अलग-अलग एनसीबी और सीमा शुल्क विभाग की शिकायतों से उपजा है।

ईडी ने कहा था कि कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले सिंडिकेट का मास्टरमाइंड सादिक पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्वास्थ्य-मिश्रण पाउडर और सूखे नारियल के रूप में छद्मएफेड्रिन की तस्करी करने का आरोप है।

एनसीबी द्वारा उनके नाम और ड्रग्स नेटवर्क से कथित संबंधों का उल्लेख किए जाने के बाद उन्हें फरवरी में सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा निष्कासित कर दिया गया था।

तमिलनाडु के कानून मंत्री और द्रमुक नेता एस रेगुपति ने कहा था कि उनकी पार्टी का सादिक के साथ कोई संबंध नहीं है।