इस योजना के तहत 20 साल से अधिक समय से किराए पर रहने वाले व्यापारियों को कलेक्टर दर पर उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया गया है।

मानेसर में आयोजित राज्य स्तरीय रजिस्ट्री वितरण एवं शहरी लाल डोरा संपत्ति प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रम में लाभार्थियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग लंबे समय से लाल डोरा की इस समस्या से पीड़ित थे। शहरी क्षेत्रों में कई व्यक्तियों के पास संपत्ति तो थी लेकिन मालिकाना हक नहीं था।

अदालत में कई विवाद चल रहे थे, जिससे लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया था कि वे अपनी संपत्ति खो सकते हैं। यदि कोई अपनी संपत्ति बेचना चाहता था, तो वह ऐसा नहीं कर सकता था, न ही इसके बदले में ऋण प्राप्त कर सकता था।

उन्होंने कहा, "वर्तमान राज्य सरकार ने जनता के डर को दूर करते हुए इस मुद्दे को सुलझा लिया है।"

मुख्यमंत्री ने कहा, ''2019 के चुनाव के दौरान हमने चुनावी घोषणापत्र में ऐसे सभी लोगों को मालिकाना हक देने का वादा किया था और आज 5,000 लोगों को फायदा हुआ है, उन्हें मालिकाना हक मिल गया है.''

उन्होंने कहा कि लाल डोरा के अंदर स्थित संपत्तियों में से प्रदेश भर में करीब दो लाख लोगों को संपत्ति का लाभ मिला है। “आज के बाद उन्हें उनकी संपत्ति से कोई नहीं हटा सकता, आज से आप अपनी संपत्ति के मालिक बन गये।” ये वे संपत्तियां हैं जिनके राजस्व अधिकारियों के पास अधिकारों का रिकॉर्ड नहीं था।”