इस साल नीलामी में 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में गतिविधि देखी गई है।

भारती एयरटेल ने 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए सबसे अधिक 6,856.76 करोड़ रुपये खर्च किए, इसके बाद वोडाफोन आइडिया ने 3,510.40 करोड़ रुपये और रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने 973.62 करोड़ रुपये खर्च किए।

भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में अपने समाप्त हो चुके स्पेक्ट्रम को सफलतापूर्वक नवीनीकृत किया और अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए टीएसपी द्वारा 6164.88 करोड़ रुपये मूल्य की 87.2 मेगाहर्ट्ज की अतिरिक्त मात्रा का अधिग्रहण किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि बिना बिके स्पेक्ट्रम को अगली बार फिर से नीलामी में रखा जाएगा।

सेवाओं की निरंतरता और वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) की स्पेक्ट्रम आवश्यकता को पूरा करने के लिए 2024 में समाप्त होने वाले स्पेक्ट्रम और 2022 में आयोजित पिछली स्पेक्ट्रम नीलामी के बिना बिके स्पेक्ट्रम को इस साल नीलामी में रखा गया था।

सरकार द्वारा रखी गई 96,000 करोड़ रुपये की नीलामी में स्पेक्ट्रम की मांग 900 मेगाहर्ट्ज और 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड पर केंद्रित थी।

— ना/