मुख्य न्यायाधीश टी.एस. की खण्डपीठ ने शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य ने ईडी को बांग्लादेशी निवासी उमाशंकर अग्रवाल के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।

अग्रवाल पर समाप्त वीजा के साथ भारत में रहने, अवैध रूप से व्यवसाय चलाने और यहां तक ​​कि भारत के बाहर धन शोधन करने का आरोप लगाया गया है।

आरोपों के अनुसार, अग्रवाल के स्वामित्व वाली एक कंपनी ने पश्चिम बंगाल में कई रियल एस्टेट परियोजनाओं में बांग्लादेश से आए भारी धन का निवेश किया था। इस संबंध में उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर कोलकाता पुलिस द्वारा अग्रवाल के खिलाफ जांच पहले ही शुरू की जा चुकी है।

उन्हें शहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन बाद में निचली अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था। अब, अदालत के आदेश के अनुसार, शहर पुलिस को जांच और मामले का विवरण ईडी अधिकारियों को सौंपना होगा।

ऐसे आरोप हैं कि अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी के फंड को विभिन्न सीमा पार तस्करी रैकेटों और यहां तक ​​कि कुछ भूमिगत आतंकवादी समूहों को भेज दिया गया था।

शुक्रवार को अग्रवाल के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को मामले में झूठा फंसाया गया है।