नई दिल्ली, अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक के अनुसार प्रमुख जेनेरिक दवा निर्माता ल्यूपिन, ग्लेनमार्क और नैटको फार्मा विनिर्माण मुद्दों के कारण अमेरिकी बाजार से अपने उत्पाद वापस मंगा रहे हैं।

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) की नवीनतम प्रवर्तन रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूपिन अमेरिकी बाजार में एंटीबायोटिक दवा रिफैम्पिन कैप्सूल (300 मिलीग्राम) की 26,352 बोतलें वापस ले रही है।

प्रभावित लॉट का उत्पादन दवा कंपनी ने अपनी औरंगाबाद स्थित सुविधा में किया है और इसकी बाल्टीमोर स्थित इकाई लुपी फार्मास्यूटिकल्स, इंक. द्वारा अमेरिकी बाजार में विपणन किया गया है।

यूएसएफडीए के अनुसार, दवा निर्माता "सबपोटेंट" होने के कारण लॉट को वापस ले रहा है। कंपनी ने इस साल 21 मार्च को क्लास II रिकॉल जारी किया था।

यूएसएफडीए ने कहा कि ग्लेनमार्क "असफल विघटन विनिर्देशों" के कारण डिल्टियाज़ेम हाइड्रोक्लोराइड विस्तारित-रिलीज़ कैप्सूल की 6,528 बोतलें वापस ले रहा है।

उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा का विपणन अमेरिकी बाजार में न्यू जर्सी स्थित ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स इंक, यूएसए द्वारा किया गया था, जो मुंबई मुख्यालय वाली दवा कंपनी की एक इकाई है।

फर्म ने 26 मार्च, 2024 को क्लास II रिकॉल की शुरुआत की।

यूएसएफडीए ने कहा कि हैदराबाद स्थित नैटको फार्मा "सीजीएमपी विचलन" के कारण अमेरिकी बाजार में हार्टबर्न के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली लैंसोप्राजोल विलंबित-रिलीज़ कैप्सूल की 30 बोतलें वापस ले रही है।

उत्पाद का निर्माण कंपनी द्वारा अपने कोथुर (तेलंगाना) बेस फॉर्मूलेशन प्लांट में किया जाता है।

कंपनी ने इस साल 27 मार्च को क्लास II रिकॉल की शुरुआत की थी।

यूएसएफडीए के अनुसार, क्लास II रिकॉल उस स्थिति में शुरू किया जाता है, जिसमें किसी उल्लंघनकारी उत्पाद के उपयोग या उसके संपर्क में आने से अस्थायी या चिकित्सकीय रूप से प्रतिवर्ती प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं या जहां गंभीर प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों की संभावना बहुत कम होती है।

भारत 6 चिकित्सीय श्रेणियों में 60,000 विभिन्न जेनेरिक ब्रांडों का निर्माण करके वैश्विक आपूर्ति में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

देश में निर्मित उत्पाद दुनिया भर के 200 से अधिक देशों में भेजे जाते हैं, जिनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम यूरोप और अमेरिका मुख्य गंतव्य हैं।

यूएसए के बाहर संयंत्रों वाली यूएसएफडीए अनुपालन वाली कंपनियों की संख्या भारत में सबसे अधिक है। यूएसएफडीए द्वारा प्रकाशित फार्मास्युटिकल क्वालिट की स्थिति पर वित्तीय वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 600 से अधिक यूएसएफडीए पंजीकृत विनिर्माण साइटें हैं, जो अमेरिका के बाहर संचालित होने वाली सभी पंजीकृत विनिर्माण साइटों का लगभग 12.5 प्रतिशत है।