बूंदी (राजस्थान), सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर यहां राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे 17 किसानों को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया।

मंगलवार सुबह से ही चीनी मिल संयुक्त किसान समन्वय समिति के बैनर तले किसान प्रदर्शन कर रहे थे।

क्षेत्र के सर्कल अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आशीष भार्गव ने कहा कि कोटा-लालसोट मेगा हाईवे पर गणेश मंदिर पर मंगलवार सुबह से नहर का पानी छोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कम से कम 17 किसानों को हिरासत में लिया गया। बुधवार की दोपहर।

उन्होंने बताया कि दोपहर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

भार्गव ने कहा कि कोटा के संभागीय आयुक्त ने नहर के पानी के मुद्दे के समाधान के लिए अब 8 जुलाई को किसानों, जन प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ एक बैठक बुलाई है।

अतिरिक्त संभागीय आयुक्त बृजमोहन बैरवा ने बताया कि पूर्व बैठक में किसानों के प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया गया था कि बांधों में पानी अधिक होने पर नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, जो अभी पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण उपलब्ध नहीं है और इसके अलावा चंबल के बांधों में भी पानी है। नदी मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एक अंतरराज्यीय मुद्दा है और इस पर निर्णय तदनुसार लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे पर अगली बैठक अब 8 जुलाई को बुलाई गई है और उस समय तक बांधों में पानी की उपलब्धता के अनुसार नहरों में पानी छोड़ने पर निर्णय लिया जाएगा।

इस बीच, हिरासत में लिए गए किसानों में से एक गिरिराज गौतम ने कहा कि पुलिस ने उन्हें तब गिरफ्तार किया जब वे संभागीय आयुक्त के साथ दूसरे दौर की असफल वार्ता के बाद कोटा बैराज की ओर जा रहे थे।

गौतम ने कहा कि कमांड एरिया डेवलपमेंट (सीएडी) अधिकारियों ने अब इस मुद्दे के समाधान के लिए 8 जुलाई को किसानों के जन प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।

उन्होंने कहा कि अगर नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो वे संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।