नई दिल्ली, व्यापार आंकड़ों के अनुसार, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के अधिक आयात के कारण खाद्य और गैर-खाद्य तेलों सहित वनस्पति तेलों का आयात जून में 18 प्रतिशत बढ़कर 15.5 लाख टन हो गया।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों से पता चला है कि जून 2024 के दौरान वनस्पति तेलों का आयात 15,50,659 टन रहा, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 13,14,476 टन था।

जून में खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 15,27,481 टन हो गया, जो पिछले साल के समान महीने में 13,11,576 टन था। हालाँकि, समीक्षाधीन अवधि में अखाद्य तेलों का आयात 2,300 टन से बढ़कर 23,178 टन हो गया।

अक्टूबर में समाप्त होने वाले तेल वर्ष 2023-24 के पहले आठ महीनों के दौरान, वनस्पति तेलों का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1,04,83,120 टन की तुलना में 2 प्रतिशत गिरकर 1,02,29,106 टन हो गया।

एसईए के आंकड़ों से पता चला है कि 2023-24 तेल वर्ष की नवंबर 2023-जून 2024 की अवधि के दौरान रिफाइंड तेल का आयात 2 प्रतिशत घटकर 13,81,818 टन हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 14,03,581 टन था।

कच्चे खाद्य तेलों का आयात भी 89,63,296 टन की तुलना में 3 प्रतिशत घटकर 87,13,347 टन रह गया। रिफाइंड तेलों (आरबीडी पामोलीन) और कच्चे तेल की हिस्सेदारी समान रही।

नवंबर 2023 और जून 2024 की अवधि के दौरान, पाम तेल का आयात एक साल पहले की अवधि में 6031,529 टन से घटकर 57,63,367 टन हो गया। साथ ही, सॉफ्ट ऑयल का आयात 43,35,349 टन से गिरकर 43,31,799 टन हो गया।

भारत मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम तेल और ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल का आयात करता है।