नई दिल्ली, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारतीय निर्यातक गुणवत्ता मानकों को लेकर सचेत हैं और कुछ मसालों की खेप की समस्या बहुत छोटी है और इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि जिन खेपों में कुछ समस्या थी, वे भारत के 56 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के खाद्य और संबंधित उत्पाद निर्यात की तुलना में बहुत कम थे।

हाल के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे लगता है कि मीडिया को एक या दो घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से बचना चाहिए... वे कंपनी-विशिष्ट मुद्दे थे जिन्हें एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) और संबंधित अधिकारियों के बीच संबोधित किया जा रहा है।" कुछ मसालों की खेप के संबंध में मुद्दे।

एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों को कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक कार्सिनोजेनिक कीटनाशक 'एथिलीन ऑक्साइड' होने के कारण सिंगापुर और हांगकांग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था।

मंत्री ने कहा कि विकसित देशों से आने वाली खेपों को भी गुणवत्ता के मुद्दों पर खारिज कर दिया जाता है।

उन्होंने कहा, "भारत को अपने गुणवत्ता मानकों पर बहुत गर्व है। भारतीय उद्योग, व्यापार और निर्यातक उच्चतम गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए बहुत जागरूक हैं और इसलिए कृषि और कृषि से संबंधित उत्पादों का हमारा निर्यात लगातार बढ़ रहा है।"

मई में मसालों का निर्यात 20.28 प्रतिशत घटकर 361.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।