जयपुर, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को कहा कि भारतीय कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए विश्वविद्यालयों को कृषि प्रबंधन के साथ-साथ विपणन, भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण जैसे विषयों पर अनुसंधान और नवाचार पर काम करना चाहिए।

मिश्र बीकानेर में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के युग में विश्वविद्यालयों को कृषि शिक्षा और अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करना चाहिए और किसानों को नई तकनीकों और नवाचारों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।

उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक विषमता और अनियंत्रित जलवायु को देखते हुए सूखा प्रबंधन में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।

उन्होंने कृषि शिक्षा के अंतर्गत जैविक उत्पादों की खोज एवं उत्पादन वृद्धि में वैज्ञानिक अनुसंधान के व्यावहारिक प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता जताई।

मिश्र ने कहा कि जल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण एवं संवर्धन के विषय पर नये सिरे से शोध किया जाना चाहिए।

उन्होंने विश्वविद्यालय को चना और मोठ की प्रजाति विकसित करने तथा खेती की नई तकनीकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए बधाई दी।

मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मौलिक शोध और जांच पर विशेष ध्यान दिया गया है। तदनुसार, छात्रों को इनोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप के लिए तैयार रहना चाहिए।