नई दिल्ली, उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने एनसीएलटी में दायर अपनी याचिका वापस ले ली है, जिसमें ट्राइंफ ऑफशोर को ऋण चुकाने के लिए ऋणदाताओं को कोई शेयर या प्रतिभूतियां जारी करने से रोक दिया गया था।

यह कदम इफको (इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव) द्वारा अपनी संपूर्ण 49 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने संयुक्त उद्यम भागीदार स्वान एनर्जी लिमिटेड (एसईएल) को 440 करोड़ रुपये में बेचकर ट्रायम्फ ऑफशोर से बाहर निकलने के बाद आया है।

इफको ने मार्च में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से संपर्क कर ट्राइंफ ऑफशोर और एसईएल को ऋण चुकाने के लिए ऋणदाताओं को कोई भी शेयर/प्रतिभूतियां जारी करने और उसकी मंजूरी के बिना ऐसे किसी भी प्रस्ताव को पारित करने से रोकने की मांग की थी।

अपनी याचिका में, इफको ने तर्क दिया था कि वह कर्ज का समय से पहले भुगतान कर रही है और इसके परिणामस्वरूप ट्रायम्फ ऑफशोर में उसकी हिस्सेदारी कम हो सकती है।

एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने इफको को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

27 जून को पारित एनसीएलटी के आदेश में कहा गया, "आवेदकों के वकील ने आवेदन वापस लेने की अनुमति मांगी है। उन्होंने एक हलफनामा भी दायर किया है। उसी के मद्देनजर अनुमति दी गई है।"

ट्रायम्फ ऑफशोर की स्थापना फ्लोटिंग स्टोरेज और रीगैसिफिकेशन यूनिट (एफएसआरयू) स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम के रूप में की गई थी, जिसमें स्वान एनर्जी की 51 प्रतिशत की बहुमत हिस्सेदारी थी।