नई दिल्ली, स्पाइसजेट के विमान इंजन पट्टे पर देने वाली कंपनी इंजन लीज फाइनेंस बीवी ने 12 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 100 करोड़ रुपये) से अधिक का भुगतान न करने पर कर्ज में डूबी एयरलाइन के खिलाफ एनसीएलटी के समक्ष दिवालिया याचिका दायर की है।

इंजन लीज फाइनेंस (ईएलएफ) ने स्पाइसजेट को आठ इंजन पट्टे पर दिए हैं। ब्याज और किराये के साथ, ईएलएफ ने लगभग 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि का दावा किया है।

यह मामला बुधवार को नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की दिल्ली स्थित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, जिसने इस पर संक्षिप्त सुनवाई की। स्पाइसजेट के वकील ने इंजन लीज फाइनेंस द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा।

इस पर एनसीएलटी के सदस्य महेंद्र खंडेलवाल और संजय रंजन की पीठ ने स्पाइसजेट को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

शैनन, आयरलैंड में मुख्यालय वाली ईएलएफ दुनिया की अग्रणी स्वतंत्र इंजन फाइनेंसिंग और लीजिंग कंपनी है।

इसने 2017 में स्पाइसजेट के साथ इंजन पट्टे पर लेने के लिए एक समझौता किया। याचिकाकर्ता के अनुसार, कम बजट वाली वाहक अप्रैल 2021 से भुगतान में चूक कर रही है।

सुनवाई के दौरान स्पाइसजेट की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि उनके बीच पहले से ही विवाद है।

इससे पहले, ईएलएफ ने 2023 में दो इंजनों की लीज समाप्त करने के बाद स्पाइसजेट के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कब्जा मांगा था।

बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया और ईएलएफ ने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया।

हालाँकि, स्पाइसजेट पर शर्तों के अनुसार भुगतान करने में विफल रहने का आरोप लगाने के बाद उसने फिर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मामला अभी भी दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।

स्पाइसजेट को अपने कई लेनदारों से दिवालिया याचिकाओं का सामना करना पड़ा है जिनमें विलिस लीज, एयरकैसल आयरलैंड लिमिटेड, विलमिंगटन और सेलेस्टियल एविएशन शामिल हैं।

एनसीएलटी ने विलिस लीज फाइनेंस और विलमिंगटन ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दी, स्पाइसजेट ने सेलेस्टियल एविएशन के साथ मामला सुलझा लिया।

एयरकैसल और अल्टरना एयरक्राफ्ट द्वारा दायर याचिकाएं दिवालिया न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित हैं।

विलमिंगटन ट्रस्ट और विलिस लीज़ फाइनेंस दोनों ने एनसीएलटी द्वारा उनकी दिवालिया याचिका को खारिज करने को चुनौती देते हुए नेशनल कंपैन लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) का रुख किया है।